"दयालु नागरिक" कार्यक्रम क्या है?

“किसी भी राष्ट्र की महानता का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि वे अपने जानवरों के साथ कैसा व्यवहार करते हैं” -महात्मा गांधी

‘दयालु नागरिक’ मानवीय शिक्षा पर आधारित एक पुरुस्कृत कार्यक्रम है जिसे 8 से 12 वर्ष की आयु के बच्चों हेतु तैयार किया गया है। इसके तहत बच्चे बच्चे जानवरों को बेहतर ढंग से समझने और उनकी उचित देखभाल के तरीकों पर जानकारी प्रपट करते हैं।

अधिकांश बच्चों में स्वाभाविक रूप से जानवरों के परति स्नेह एवं प्यार होता है लेकिन समाज को जानवरों के प्रति क्रूरता भरा व्यवहार करते देख अपने अंदर मौजूद करुणा को वे पहचान नहीं पाते हैं। इसमें कोई शक नहीं है कि अन्य प्रजातियों के लिए सम्मान की कमी इन्सानों के प्रति असंवेदनशीलता और क्रूरता में भी तब्दील हो सकती है। अब समाजशास्त्री, मनोवैज्ञानिक और कानून-प्रवर्तन एजेंसियां भी इस तथ्य को सिद्ध कर चुकी हैं कि बचपन में जानवरों पर की गई हिंसा अक्सर भविष्य में मनुष्यों के प्रति हिंसात्मक प्रवृति धारण कर लेती है जो आगे चलकर अपराध जगत की ओर ले जाती हैं इसलिए छात्रों को एक-दूसरे के साथ और जानवरों के प्रति दया और सहानुभूति जैसे मूल्य सिखाना बहुत जरूरी है।

यह कार्यक्रम भाषा कला, विज्ञान, सामाजिक अध्ययन, पर्यावरण विज्ञान, नैतिक शिक्षा जैसे सामान्य विषयों के साथ जोड़कर स्कूलों के पाठ्यक्रम में आसानी से शामिल किया जा सकता है। यह स्कूलों में अखंडता, पर्यावरण और पशु अधिकार क्लबों द्वारा उपयोग के लिए भी सही है। हालांकि इसे मासिक पाठ्यक्रम में शामिल करने के लिए डिज़ाइन किया गया है, मगर इसका उपयोग एक दिवसीय कार्यशाला जैसे कम अवधि के पाठ्यक्रम के लिए भी किया जा सकता है।

‘दयालु नागरिक’ पाठ्यक्रम किट सभी शिक्षकों के लिए निःशुल्क है और इसमें दिए गए पाठ अनमोल हैं। ‘दयालु नागरिक कार्यक्रम’ में मज़ेदार उपमाओं, आसानी से समझ में आने वाले मूल्यों, प्यारे और प्रेरक जानवरों के वीडियो, और संकट के समय विपत्ति पर काबू पाने वाले जानवरों की सच्ची कहानियां हैं, जो छात्रों को सिखाती हैं कि हम सभी उन बड़े और छोटे जानवरों के समान हैं, जिनके साथ हम इस दुनिया में रहते हैं। इस किट में वह सब कुछ है जो एक शिक्षक को सहानुभूति, दया और करुणा जैसी नैतिकताओं से संबन्धित विषयों पर अपने अध्यापन को आसानी एवं मजेदार तरीकों से शिक्षित करने में सहायता प्रदान करते हैं।

किट में क्या क्या है?


किट अलग-अलग विषयों पर आधारित एक पाठ्यक्रम है जिसमें मजेदार तथ्य, आसानी से समझने वाली उपमाएँ शामिल हैं जो छात्रों को किसी दूसरे के दृष्टिकोण को समझने में मदद करती हैं, एक 23-मिनट का वीडियो जिसमें प्रेरणादायक जानवरों की कहानियां और गोल्डन रूल (सुनहरे नियम) के नाम से उनकी उम्र के हिसाब ऐसे नियम और तरीके शामिल हैं जिनसे बच्चे जानवरों को बचा सकते हैं। यह किट बच्चों को जानवरों पर हूससा न करने, उन्हे डराने धमकाने से बचने, पर्यावरण की मदद करने, जंगली जानवरों को बचाने, साथी जानवरों की अच्छी देखभाल करने जैसे और भी बहुत से पहलूओं को समझने में मदद करती है। यह सामग्री फिलहाल अंग्रेजी, हिंदी तथा मराठी में उपलब्ध है, लेकिन पर्याप्त मांग के हिसाब से अन्य भाषाओं में अनुवादित की जा सकती है.

वीडियो देखें

हिन्दी वीडियो


 

मराठी वीडियो

 

विशेषज्ञ क्या कहते हैं?


भारतीय पशु कल्याण बोर्ड, केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड और केंद्रीय विद्यालय संगठन ‘दयालु नागरिक कार्यक्रम’ का समर्थन करते हैं। इस कार्यक्रम को आंध्र प्रदेश, चंडीगढ़, दिल्ली, गोवा, गुजरात, हरियाणा, केरल, मध्य प्रदेश, तेलंगाना, और अन्य राज्यों ने अधिसूचना (सर्कुलर) जारी कर विद्यालयों को अपने आधिकारिक स्कूली पाठ्यक्रम में शामिल करने के लिए कहा है।

विद्यालय के प्रधानाचार्यों, शिक्षकों, और सरकारी अधिकारियों के सुखद अनुभव

स्कूलों का समर्थन मुख्य हस्तियों का समर्थन सरकार का समर्थन

अपने पाठ्यक्रम में ‘दयालु नागरिक’ कार्यक्रम शामिल करें

‘दयालु नागरिक’ कार्यक्रम छात्रों और शिक्षकों को जानवरों की गहरी समझ और उनके साथ शांतिपूर्ण ढंग से जीने की जीवन शैली सिखाएगा। पोस्टर और वीडियो सहित अन्य सामग्री स्कूलों और शिक्षकों के लिए नि: शुल्क उपलब्ध हैं। अधिक जानकारी के लिए, कृपया PETA-इंडिया को [email protected] पर ईमेल करें.

अतिरिक्त संसाधन

“Animals Are My Friends”  एक आकर्षक गीत पुस्तिका है जो 2 से 7 वर्ष की आयु के स्कूली बच्चों के लिए ऑनलाइन या व्यक्तिगत कार्यशालाओं के लिए एक शानदार स्रोत हो सकती है। वीडियो देखें, या गीत पुस्तिका खरीदें।

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गाय एवं बैल एक खास तरीके से अपने दोस्तों का अभिवादन करते हैं। यहाँ इस वीडियो को देखकर आप जान सकते हैं कि वह कैसे अपना प्यार प्रदर्शित करते हैं।